कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र | Krishna Janmashtami Puja Vidhi

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र | Krishna Janmashtami Puja Vidhi

Krishna Janmashtami Puja Vidhi : हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अत्यधिक महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही, इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है, जिसे संतान प्राप्ति और अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शुभ माना जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि एवं मंत्र | Krishna Janmashtami Puja Vidhi

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते समय षोडशोपचार तरीके से पूजा करें पूजा-अर्चना की विधि हम यहां आपको बताने जा रहे हैं-

  • स्नान और व्रत का संकल्प: सबसे पहले सूर्योदय से पहले स्नान कर भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें।
  • ध्यान: भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:
   ॐ तम अद्भुतं बालकम् अम्बुजेक्षणम्,   
   चतुर्भुज शंख गदायुधायुधम्।
   श्री वत्स लक्ष्मम् गल शोभि कौस्तुभं, 
   पीताम्बरम् सान्द्र पयोद सौभगम्॥
  • आह्वान: बाल गोपाल का आह्वान करते हुए इस मंत्र का जाप करें:
   ॐ सहस्त्रशीर्षा पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्रपात्।
   स-भूमिं विश्वतो वृत्वा अत्यतिष्ठद्यशाङ्गुलम्॥
  • आसन: भगवान श्रीकृष्ण को आसन देते समय निम्नलिखित मंत्र का पाठ करें:
   ॐ विचित्र रत्न-खचितं दिव्या-स्तरण-संयुक्तम्।
   स्वर्ण-सिन्हासन चारू गृहिश्व भगवन् कृष्ण पूजितः॥
  • पद्य: भगवान श्रीकृष्ण के चरण धोने के लिए जल अर्पित करें और इस मंत्र का उच्चारण करें:
   अच्युतानन्द गोविंद प्रणतार्ति विनाशन।
   पाहि मां पुण्डरीकाक्ष प्रसीद पुरुषोत्तम॥
  • अर्घ्य: श्रीकृष्ण को अर्घ्य अर्पित करते हुए इस मंत्र का जाप करें:
   ॐ पालनकर्ता नमस्ते-स्तु गृहाण करूणाकरः।
   अर्घ्य च फलम् संयुक्तं गन्धमाल्या-क्षतैर्युतम्॥
  • आचमन: जल अर्पित करते हुए भगवान श्रीकृष्ण को आचमन कराएं और निम्नलिखित मंत्र बोलें:
   नमः सत्याय शुद्धाय नित्याय ज्ञान रूपिणे।
   गृहाणाचमनं कृष्ण सर्व लोकैक नायक॥
  • स्नान: बाल गोपाल को दूध, दही, मक्खन, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। अंत में शुद्ध जल से स्नान कराएं और ये मंत्र बोले:
   गंगा गोदावरी रेवा पयोष्णी यमुना तथा।
   सरस्वत्यादि तिर्थानि स्नानार्थं प्रतिगृहृताम्।
  • वस्त्र और आभूषण: स्नान के बाद भगवान को शुद्ध वस्त्र और आभूषण धारण कराएं।
   शति-वातोष्ण-सन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।
   देहा-लंकारणं वस्त्रमतः शान्ति प्रयच्छ में।
  • चंदन और गंध: भगवान श्रीकृष्ण को चंदन और गंध अर्पित करें।
   ॐ श्रीखण्ड-चन्दनं दिव्यं गंधाढ़्यं सुमनोहरम्।
   विलेपन श्री कृष्ण चन्दनं प्रतिगृहयन्ताम्।
  • दीपक: घी का दीपक जलाकर भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें।
   साज्यं त्रिवर्ति सम्युकतं वह्निना योजितुम् मया।  
   गृहाण मंगल दीपं,त्रैलोक्य तिमिरापहम्।
   भक्तया दीपं प्रयश्र्चामि देवाय परमात्मने।
   त्राहि मां नरकात् घोरात् दीपं ज्योतिर्नमोस्तुते।
   ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्य: कृत:।
   उरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भ्यां शूद्रो अजायत। 
  • नैवैद्य: बाल गोपाल को माखन-मिश्री, धनिया की पंजीरी, मिठाई आदि का भोग लगाएं और इस मंत्र का जाप करें:
   शर्करा-खण्ड-खाद्यानि दधि-क्षीर-घृतानि च,   
   आहारो भक्ष्य- भोज्यं च नैवैद्यं प्रति- गृहृताम।
  • तांबूल और दक्षिणा: पान, इलायची, लौंग, सुपारी आदि से भगवान श्रीकृष्ण को तांबूल अर्पित करें। इसके बाद अपनी क्षमता अनुसार दक्षिणा अर्पित करें।
   ॐ पूंगीफ़लं महादिव्यं नागवल्ली दलैर्युतम्। 
   एला-चूर्णादि संयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहृताम।
  • आरती: अंत में, भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारें और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्ति भाव से पूजा करें।

ध्यान दें – मंत्रोच्चारण के समय सभी मंत्रो के अंत में ये पंक्ति अवश्य पढ़ें : ॐ श्री कृष्णाय नम:। “जो वस्तु अर्पण कर रहे है उसका नाम” समर्पयामि। यहां बताए गए मंत्रो में त्रुटि भी हो सकती हैं इसलिए धार्मिक पुस्तकों का सहारा ले।

कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पूजा मंत्र (Janmashtami 2024 Mantra)

  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
  • कृं कृष्णाय नम:
  • गोवल्लभाय स्वाहाऊं श्री नम:
  • श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहागोकुल नाथाय नम:
  • ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे।।

कृष्ण जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त और तिथि

कब है जन्माष्टमी 2024? : वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को तड़के 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 27 अगस्त को तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त: जन्माष्टमी के दिन, 26 अगस्त 2024 को, श्रीकृष्ण के जन्म का निशिता मुहूर्त रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा। इस दौरान लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव के लिए 45 मिनट का शुभ समय है। इस दिन भक्तगण पूरे समय व्रत रखते हैं और रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 पारण का समय

27 अगस्त 2024 को शाम 3 बजकर 38 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो जाएगा। इसके बाद भक्तगण सूर्यास्त से पहले व्रत का पारण कर सकते हैं।

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